Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Dec-2021 हकीकत सिर्फ तुम हो

अज्ञानता को मांँ तुम मेरी हर लो,
ज्ञान का माँ तुम भंडार भर दो |
खून में मेरे सृजन की हो रवानगी , 
तम हटा जग में उजियारा कर दो |

सौगात कलम किताब की हमें मिलती रहे ,
चिंतन के यज्ञ में आहुति हमारी पड़ती रहे |
कुम्हार जैसे मूर्ति को मिट्टी से है गढ़ता ,
जज्बातों में साहित्य साधना हमारी ढलती रहे |

हकीकत जीवन की सिर्फ तुम ही हो माता, 
तेरे सिवाए  मेरा कोई और नहीं हैं दाता, 
राहों से भटकने तुम कभी मुझे देना नहीं, 
मैय्या तुझसे मेरा एक अद्भुत सा हैं नाता |

प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली) 

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12 Comments

kashish

03-Feb-2023 02:12 PM

very nice

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Seema Priyadarshini sahay

10-Jan-2022 01:58 AM

बहुत खूबसूरत

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Shrishti pandey

19-Dec-2021 03:26 PM

Nice one

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